भारतीय पेंशनर मंच ने केंद्र सरकार पर पेंशनरों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर सरकार ने मंच की ओर से भेजी गयी 9 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पेंशनर्स आंदोलन को बाध्य होंगे । इस संबंध में रविवार को होने वाली मंच के अधिवेशन में आंदोलन के स्वरूप पर चर्चा एवं अंतिम रूप दिया जाएगा

यह जानकारी प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय पेंशनर्स मंच के महामंत्री बीएस यादव ने बताया कि भारत सरकार को देश भर के पेंशनरों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर 6 जून को एक नौ सूत्रीय मांग पत्र उनके कार्यालय में सौंपा गया था लेकिन खेद का विषय है कि भारत सरकार ने बिना किसी चर्चा के मामले को बंद कर दिया भारत सरकार की इस कार्यवाही से देश भर के पेंशनरों को भारी निराशा हुई है । उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना  महामारी के दौर में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में सदियों से मिले इसको बंद कर दिया, अब महामारी का दौर समाप्त हो गया तो ऐसे में इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए। इस संबंध में मंच की तरफ से तीन बार माननीय रेल मंत्री को पत्र लिखा गया है। श्री यादव ने कहा कि यदि समय रहते भारत सरकार ने पेंशनरों का समाधान नहीं किया तो इन सभी मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय अधिवेशन में गंभीरता से चिंतन करते हुए यदि आवश्यक हुआ तो देशव्यापी आंदोलन के लिए होगा । उन्होंने बताया कि भारतीय पेंशनर्स मंच का द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन 4 सितम्बर को परमार्थ ज्ञान मंदिर कनखल में होने जा रहा है। अधिवेशन में देश के 12 राज्यों से प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय पेंशनर्स मंच राष्ट्रीय स्तर का राष्ट्रवादी पेंशनर्स का एक स्वत्रंत संगठन है। उन्होंने बताया कि इस एक दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में पेंशन धारियों के अनेक ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। वार्ता के दौरान मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार शुक्ला भी मौजूद रहे।

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