कोटद्वार : उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट को विधायक  पद से हटाने की मांग की। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कि कहा  द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट  द्वारा इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक के साथ की गई गाली गलौज को कतई उचित नहीं है और यह विधायक की गरिमा के खिलाफ भी है । उन्होंने कहा कि विधायक द्वारा की गई अनर्गल बयानबाजी से प्रदेश में अन्य विधायकों के प्रति अधिकारियों की भावनाएं बदल जाती हैं, जिससे अन्य विधायकों को प्रशासनिक मशीनरी के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किल हालातो का सामना करना पड़ता है। 
उन्होंने कहा कि निदेशक रात दस बजे किसी विधायक का फोन उठाने के लिए नहीं बैठा है , किसी भी व्यक्ति की अपनी एक निजी जिंदगी भी है, क्योंकि यह कोई इमरजेंसी नहीं है । उन्होंने कहा कि निदेशक विधायक का नौकर नहीं है वह जनता का सेवक है। उन्होंने कहा कि अगर निदेशक फोन नहीं उठा रहे थे तो विधायक को जिलाधिकारी या संबंधित विभाग के सचिव से बात करनी चाहिए थी ना कि इस तरह धमकाने के अंदाज में निदेशक के घर पर रात में जाना चाहिए था।   इस प्रकरण में रात में निदेशक के घर जाकर विधायक ने कौन सा तीर मार लिया । जो फोन ना उठाने के चक्कर में विधायक निदेशक के घर गए थे वह काम तो तब भी नहीं हुआ। अगर विधायक सही होते तो उन्हें दिन में फोन कर सकते थे क्या दिन में संस्थान के कार्यालय में जाकर निदेशक से भेंट कर सकते थे या निर्देशक को बुला भी सकते थे।  जिस तरीके से विधायक ने दरवाजे पर हमलावर होने की कोशिश की और मुख्यमंत्री तक को इस प्रकरण में घसीटा है,  वह स्पष्ट करता है कि उस समय विधायक, विधायक की सारी गरिमाओं को छिन्न भिन्न कर इस प्रदेश की गरिमा को खंडित कर रहे थे। 
मुजीब नैथानी ने कहा कि विधायक की इन हरकतों की वजह से देवभूमि की प्रतिष्ठा को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा है। ऐसे लोगों को विधायक रहने का कोई हक नहीं होना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि खेदजनक  है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मदन बिष्ट का समर्थन कर रहे हैं ।  उन्होंने कहा कि लोग कांग्रेस को कांग्रेस की इन्हीं हरकतों की वजह से वोट नहीं देते ।

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