मुख्यमंत्री की घोषणा को मेला प्रशासन ने हवा में उड़ाया हरिद्वार।अब से एक घण्टे बाद कुंभ मेले का प्रथम शाही स्नान की शुरुआत हो जायेगी।परन्तु ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं
राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जब प्रदेश सरकार की कमान संभाली तो कुंभ मेले को लेकर हरिद्वार में एक नये तरह का जोश देखने को मिला। मार्च माह में शिव रात्रि को सम्पन्न हुआ कुंभ का स्नान ट्रायल के रूप में लिया गया।राज्य के मुख्यमंत्री ने बहुत ही सरल स्वभाव में उस दौरान श्रद्धालुओं को हुई परेशानियो को स्वीकार किया कि उन्हें मीलो पैदल चलना पड़ा।और भी कई कमियां उस दौरान उजागर हुई।जिन्हें मुख्यमंत्री ने दूर करने की घोषणा खुद हरिद्वार में आकर की।और कहा कि किसी भी श्रद्धालुओं को स्न्नान करने के लिए मीलो पैदल नहीं चलना पड़ेगा।हम सैकड़ो की संख्या में बसों को चलायेंगे
परन्तु मुख्यमंत्री की इस जनहित की घोषणा को भी मेला प्रशासन ने आज हवा में उड़ा दिया।श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर दूर तक पैदल ही चलना पड़ा जिसमें ज्यादातर श्रद्धालु उम्र दराज थे कईयों की हालत बहुत खराब लग रही थी कोई लंगड़ा कर चल रहा था और कई श्रद्धालु थक हार कर रास्ते मेंं पड़े पाइपों पर बैठकर अपनी थकान मिटा रहे थे तथा कई लोग अपने बच्चों को अपने सर के ऊपर बैठाकर पैदल अपने गंतव्य ओ जाने को मजबूर थे तथा जिन रास्ते में श्रद्धालु महिला बच्चे पैदल चल रहे थे उन रास्तों पर कोई भी शौचालय तथा पानी के पीने की व्यवस्था नहीं थी हम काफी दूर तक यही देखते हुए गए की कहां-कहां पर शौचालय की व्यवस्था है आखिरी में बैरागी कैंप के पास हमें दो-तीन शौचालय दिखे मीडिया सेंटर से लेकर बैरागी कैंप तक ना तो शौचालय था और ना ही कोई पानी पीने की व्यवस्था थी इस तरह श्रद्धालुओं को परेशान किया जा रहा है जैसे पुण्य कमाने के लिए कुंभ नगरी हरिद्वार में आकर कोई गुनाह कर दिया हो