कोरोना महामारी के इस संकट में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग है और कई मरीज व हॉस्पिटल ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे हैं, ऐसे में गन्ना मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद की पहल राहत देने वाली है। प्रदेश की चीनी मिलो में ऑक्सीजन उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था
कि जिस प्रकार महाराष्ट्र के उस्मानाबाद की शुगर मिल में ऑक्सीजन प्लांट चल कर रहा है, उसी प्रकार प्रदेश की चीनी मिलों में भी ऑक्सीजन प्लांट की संभावनाओं को तलाश कर तत्काल काम किया शुरू किया जाए। इसके लिए उन्होंने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग सचिव चंद्रेश कुमार को पत्र लिखकर कार्यवाही को निर्देशित किया।
स्वामी यतीस्वरानंद द्वारा महाराष्ट्र के उस्मानाबाद की धाराशिव चीनी मिल प्रबंधन से दूरभाष पर वार्ता कर पूरी जानकारी ली गयी। मंत्री श्री स्वामी ने उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों के बारे में भी जानकारी जुटाई तो संज्ञान में आया कि वहाँ भी दर्जन भर चीनी मिलो में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा से वार्ता की और जानकारी ली। जिससे पता चला के एथेनॉल का उत्पादन कर रही चीनी मिलों ऑक्सीजन प्लांट आसानी से लगाया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने विभाग को तीव्रता से काम करने को कहा तो नतीजन अब स्वामी के प्रयास से हरिद्वार जनपद की दो चीनी मिल जो पहले से ही इथेनॉल का उत्पादन कर रही थी उन्होंने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन उत्पादन के लिए सहमति जताई है और लक्सर शुगर मिल व उत्तम शुगर मिल ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पहल कर दी है। जल्द ही दोनों शुगर मिलों में ऑक्सीजन प्लांट का काम शुरू होगा। इससे प्रदेश को कोरोना महामारी के संकट में बड़ी राहत मदद मिलेगी। आमजन को भी ऑक्सीजन आसानी से सुलभ होगी स्वामी ने बताया कि दोनों शुगर मिलों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने पर बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, जिससे राज्य को ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों में भी ऑक्सीजन पालन लगाने की संभावनाओं पर काम चल रहा है।