देहरादून: आजकल लोग किरायेदारों को घर पर किराए पर देने के लिए अलग से मकान बनाने लगे हैं। कुछ लोग अपने साथ भी किरायेदारों रखते हैं। पीजी का भी प्रचलन चल रहा है। अगर आपके घर में भी किराएदार रहते हैं, तो आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए। ये खबर उन लोगों के लिए है जो पीजी संचालित करते हैं। दो-तीन परिवारों को किराए पर कमरा देते हैं। ऐसे लोगों को ऊर्जा निगम (बिजली विभाग) झटका दे सकता है।

दरअसल, लोगों ने घरेलू बिजली का कनेक्शन लिया होता है और किरायेदारों से कॉमर्शियल रेट पर बिजली बिल वसूल करते हैं। ऊर्जा निगम के इस फैसले से उन लोगों को झटका लग सकता है, जिनके घर में एक से ज्यादा किराएदार रहते हैं। ऐसे घरों का कनेक्शन बदलकर घरेलू से कॉमर्शियल करने की तैयारी की जा रही है। हॉस्टल और पीजी चलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने इसके लिए छापेमारी शुरू कर दी है। UPCL को दून के क्लेमनटाउन, प्रेमनगर, बिधौली, पौंधा, भाऊवाला, सेलाकुई आदि क्षेत्रों में घरेलू कनेक्शन के दुरुपयोग की शिकायतें मिल रही हैं।

इन शिकायतों पर कार्रवाई के तहत यूपीसीएल शुरू में ऐसे इलाकों पर फोकस कर रहा हैं, जहां औद्योगिक व शैक्षणिक गतिविधियां ज्यादा हैं। छापेमारी शुरू कोई ऐसा भवन जिसमें मकान मालिक ने खुद न रहकर दो से अधिक किरायेदार रखे हों, ऐसे मामलों में यूपीसीएल ने कार्रवाई शुरू कर दी है। कार्रवाई के तहत कनेक्शन आवासीय से कॉमर्शियल करने के साथ उसके अनुसार बकाया भी वसूला जा रहा है। यूपीसीएल हरिद्वार, खटीमा, काशीपुर, रुद्रपुर, बाजपुर, सितारगंज समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी कार्रवाई शुरू करने की तैयारी में है।

छापेमारी के दौरान यूपीसीएल को घरेलू कनेक्शन पर कॉमर्शियल गतिविधि मिलती है तो उपभोक्ताओं पर बकाया भी निकाला जा रहा है, जो लाखों रुपये में बैठ रहा है। इसके तहत यूपीसीएल बीते छह महीने तक का असेसमेंट कर नोटिस थमा रहा है। UPCL के 27 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें चार लाख के करीब कॉमर्शियल, औद्योगिक बिजली उपभोक्ता हैं। मालूम हो कि घरेलू कनेक्शन की तुलना में कॉमर्शियल कनेक्शन पर बिजली की दर काफी महंगी है।

UPCL ने कार्रवाई के दौरान सिर्फ सेलाकुई क्षेत्र में ही 200 जगह घरेलू कनेक्शन का दुरुपयोग पकड़ा। इन सभी का कनेक्शन घरेलू से कॉमर्शियल में बदल दिया गया। यहां एक घर में दो किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर 32 किरायेदारों को सप्लाई पाई गई। इस तरह की सर्वाधिक शिकायतें देहरादून में मोहनपुर डिवीजन में सामने आ रही हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई के खिलाफ सुनवाई DM के स्तर पर होगी। दूसरे स्तर पर हाईकोर्ट में सुनवाई का मौका मिलेगा। चूंकि कार्रवाई इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट के नियम 126 के तहत हो रही है, इसीलिए जल्द राहत के आसार नहीं हैं।

HT मीडिया को दिए एक बयान में UPCL के निदेशक ऑपरेशन एमएल प्रसाद का कहना है कि नियम में नियमानुसार जिस उपयोग के लिए कनेक्शन लिया गया है, उसके अनुसार ही बिजली का उपयोग किया जान चाहिए है। यदि घरेलू कनेक्शन लेकर कॉमर्शियल इस्तेमाल होता है, तो गलत है। दून में ऐसे कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही अन्य जिलों में भी शुरू की जाएगी।

 

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