हरिद्वार। महाराष्ट् के सांगली जिले के लंबागढ़ गांव में जूना अखाड़े के चार नागा सन्यासियों के स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बच्चा चोर समझकर लाठी-डंडों से की गई निर्मम पिटाई से जूना अखाड़े के नागा सन्यासियों में भयंकर रोष है

अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरी गिरी महाराज ने इस वीभत्स घटना की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि आए दिन साधु-संतों पर हो रहे हमले अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा सनातन धर्म के लिए गंभीर खतरा बनने जा रहे हैं । सांगली जिले में हुई इस घटना के विरोध में कल 15 सितंबर बृहस्पतिवार को कानपुर में आनंदेश्वर मठ में जूना अखाड़े की एक आपात बैठक बुलाई गई है । बैठक में अखाड़े के पदाधिकारियों सहित हजारों नागा साधु भाग लेंगे । बैठक में इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक रणनीति बनाई जाएगी । श्री महंत हरी गिरी महाराज ने कहा कि घटना को लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा महाराष्ट्र के स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है । तथा भविष्य में घटना को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की भी मांग की है । जूना अखाड़े ने हमले में घायल अपने चारों नागा सन्यासियों की देखभाल तथा सुरक्षा के लिए महामंडलेश्वर श्री  आभानंद जी महाराज तथा महामंडलेश्वर शिवगिरी महाराज सहित अन्य साधुओं को भेज दिया है जो कि उनकी देखभाल कर रहे हैं । साथ ही स्थानीय उच्चाधिकारियों से वार्ता कर मामले को देख रहे हैं । श्रीमंहत हरिगिरी महाराज ने कहा कि पूर्व में 2 वर्ष पहले भी 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में 2 सालों से 3 लोगों की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी तब भी उन्हें बच्चा चोरी समझा गया था । अब पुनः सांगली जिले में इस प्रकार की इस घटना की पुनरावृटी  से एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है कि कहीं यह राष्ट्र विरोधी तत्वों की साजिश तो नहीं है । उन्होंने कहा कि इन दिनों इन्हीं तत्वों द्वारा बच्चा चोर गिरोह सक्रिय होने होने की अफवाह है फैलाई जा रही है जो कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,हिमाचल, महाराष्ट्र ,गुजरात आदि राज्य में बड़ी तेजी से फैल रही है। हाल ही में उत्तराखंड में भी एक ऐसी अफवाह फैली थी लेकिन समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई कर कोई गंभीर घटना नहीं होने दी । जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरी दूधेश्वर पीठाधीश्वर नेता इस घटना पर गहरा आक्रोश प्रकट करते हुए कहा है कि साधु नागा संन्यासियों ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को बलिदान दिया है उन पर इस प्रकार के हमले एक सोची समझी साजिश लगती है। केंद्र सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत महेश पुरी ने कहा कि कल की बैठक में साधु सतों की सुरक्षा के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी तथा सभी अखाड़ों और साधु-संतों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति बनाए जाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।

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