मोहगांव (केवलारी)जिला सिवनी मध्यप्रदेश में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का कार्यक्रम चल रहा है। व्यासपीठ में विराजित निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री प्रज्ञानानंद गिरि जी महाराज जी ने चतुर्थ दिवस में भगवान वामन, नरसिंह, श्रीकृष्ण अवतार के साथ समुद्र मंथन व राजा बलि की 100 वें यज्ञ की कथा का श्रवण कराया,आचार्य श्री ने वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान किसी न किसी रूप में हमारी रक्षा करते है। राजा बलि का उद्धार करने भगवान को बावन रूप में आना पड़ा था। संतश्री ने नंदोत्सव का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि जो दुसरों को आनंद दे वह नंद और जो दूसरों को यश दे वह यशोदा है।

एैसे ही दाम्पत्य में परम आनंद श्रीकृष्ण का जन्म होता है आचार्य श्री ने कंस की व्याख्या करते हुए कहा कि जो भ्रूण हत्या गर्भ हत्या करवाता है वही कंस है। आचार्य ने कहा कि जीव किसी की निन्दा स्तुति करने की जगह भगवान की ही चर्चा करनी चाहिए। प्रभु कथा श्रवण करने से प्रभु के चरित्रो का चिन्तन करने से प्रभु कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है उन्होंने कहा कि विशाल पेंड़ जिस प्रकार से छोटी सी कुल्हाड़ी से कट जाता है उसी प्रकार से प्रभु के चरण कमलों का स्मरण करने से जीव के सारे पाप कट जाते है इसके लिये उसे प्रभु की शरण में आना होगा। विशेष महोत्सव के रूप में आज श्री कृष्ण जन्म नन्दोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। संतश्री ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर कहा कि गोकुल में चारो तरफ हर्ष व उल्लास का वातावरण है। गोकुल में लोग एक दुसरे को बधाई दे रहे है वहां साक्षात भगवान शिशु रूप में विराजमान है चारो तरफ बधांईयों तांता लगा हुआ है।वही मोहगांव(केवलारी) में गोकुल जैसा नजारा दिखाई दे रहा था। हजारों की संख्या में उपस्थितश्रोताओं ने नन्द के आनंद भयों जय कन्हैया लाल की गा गाकर बधाई प्रसाद प्राप्त किया।

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