जिलाधिकारी श्री सी रविशंकर ने भेल कन्वेंशन हाॅल पहुंच वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारत सरकार की राष्ट्रीय नीति 2020 के अन्तर्गत हरिद्वार जनपद को सीनियर सिटिजन फें्रडली बनाने के उद्देश्य से  वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं और सुझावों के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन किया।उन्होंने

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का अपना परिवार होता है। परिवार और समाज के वरिष्ठजनों, बुजुर्गो के प्रति उनके ही उत्तराधिकारियों व अन्य व्यक्तियों द्वारा नैतिक दायित्वों के निर्वहन में कमी आने के बाद इन बुजर्गो के हित संरक्षण के लिए कानून बनाने की आवश्यकता महसूस हुई। समाज के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक की समस्याओं के समाधान और सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 41 का पालन करते हुए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया। जिससे इन बुजर्गो को यथोचित सुरक्षा प्रदान की जा सके। उक्त एक्ट के प्राविधानों के अंतर्गत कोई भी वरिष्ठ नागरिक एसडीएम कोर्ट में अपने उत्पीड़न व अन्य शिकायत का प्रार्थना पत्र सीधे दे सकता है। जिसकी कार्रवाई एसडीएम कोर्ट में निस्तारण होने तक चलेगी।हरिद्वार धार्मिक नगरी होने के कारण वरिष्ठ नागरिकों का आकर्षण रहती है। यहां रहने वाले प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को सुरक्षित माहौल प्रदान करना हमारी प्राथमिकता होगी। जिला प्रशासन हरिद्वार शहर को सीनियर सिटीजन फें्रडली बनाने का पूर्ण प्रयास करेगा।वरिष्ठ नागरिकों की ओर से सरकार के स्तर से होने वाले कार्यो पर प्राप्त सुझावों को सरकार को भेजा जायेगा। जिला स्तर पर सम्भव प्रत्येक कार्य शीघ्र किये जायेगे। उन्होंने सभी एसडीएम को वृद्धाश्रम के लिए भूमि चयन कर अवगत करने के निर्देश दिये।जिलाधिकारी ने कानून के प्रभावी अनुपालन के लिए सभी एसडीएम, पुलिस तथा तहसीलदारों को विशेष निर्देश दिये। उन्होंने कार्याशाला में विभिन्न वरिष्ठ नागरि संगठनों से प्राप्त सुझावों पर अमल करते हुए एक्ट की जानकारी और जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सभी चिकित्सालयोें, बैंको, पोस्ट आॅफिस, तहसील परिसरों, समाज कल्याण व अन्य सरकारी कार्यालयों में जागरूकता पेंटिंग बनाने, पुलिस से सम्बंधित तत्काल राहत मिलने के मामलो के लिए विशेष हेल्पलाइन नम्बर जारी करने, वरिष्ठ नागरिकों का सर्वे करने, सेवा प्रदाता कार्यालयों में बुजुर्गो के लिए पृथक पंक्ति निर्धारित करने, सभी कार्यालयों में वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त शिकायतों का पृथक रजिस्टर बनाने व इन शिकायतों के निस्तारण की मासिक प्रगति भेजने, चिकित्सालयों में ग्रांउड फ्लोर पर बैड व्यवस्था करने आदि के निर्देश दिये।उन्होंने अधिकारियों को भी एक्ट के अनुसार शिकायत निस्तारण करने को कहा। साथ यदि अधिकारियों को एक्ट के अनुसार कार्रवाई करने और अपने अधिकारों का प्रयोग करने सम्बंधि कोई समस्या हो तो कार्याशाला में अपनी जिज्ञासाओं को स्पष्ट कर लें। उन्होने अधिकारियों को कहा कि अधिकारी अपने परिवार के बुजुर्गो के प्रति जो संवेदनशीलता रखते हैं वैसी ही शिकायत लेकर आने वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ होने वाली समस्या के निस्तारण में अपनायें।अपर जिलाधिकारी श्री बीके मिश्रा, शासकीय अधिवक्ता संजीव कौशल ने एक्ट के बारे में लोगों को जानकारी दी। विभिन्न सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ नागरिकों सहित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *